आत्मिक उन्नति के चार चरण - श्रीराम शर्मा आचार्य पीडीऍफ़ | Aatmik Unnati ke Char Charan - Shriram Sharma Acharya PDF


Aatmik-Unnati-ke-Char-Charan-by-Pandit-Shriram-Sharma-Acharya-Hindi-Book-PDF


आत्मिक उन्नति के चार चरण हिन्दी पुस्तक के बारे में अधिक जानकारी | More details about Gayatri ki Prachand Praan Urja Hindi Book



इस पुस्तक का नाम है : आत्मिक उन्नति के चार चरण | इस पुस्तक के लेखक/संपादक हैं : पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य | इस पुस्तक के प्रकाशक हैं : युग निर्माण योजना प्रेस, गायत्री तपोभूमि, मथुरा | इस पुस्तक की पीडीऍफ़ फाइल का कुल आकार लगभग 1 MB है | इस पुस्तक में कुल 34 पृष्ठ हैं | आगे इस पेज पर "आत्मिक उन्नति के चार चरण" पुस्तक का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इसे मुफ्त में डाउनलोड कर सकते हैं.


Name of the book is : Gayatri ki Prachand Praan Urja | This book is authored/edited by : Pandit Shriram Sharma Acharya | This book is published by : Yug Nirman Yojana Press, Gayatri Tapobhumi, Mathura | PDF file of this book is of size 1 MB approximately. This book has a total of 34 pages. Download link of the book "Gayatri ki Prachand Praan Urja" has been given further on this page from where you can download it for free.


पुस्तक के संपादकपुस्तक की श्रेणीपुस्तक का साइजकुल पृष्ठ
पंडित श्रीराम शर्मा आचार्यधर्म, अध्यात्म 1 MB34



पुस्तक से : 

साथियो, युग निर्माण परिवारका गठन एक प्रयोगशाला के रूप में हुआ है। प्रयोगशालामें रासायनिक पदार्थ तैयार किए जाते हैं और उसके परिणामोंको सर्वसाधारण के सामने उपस्थित किया जाता है। युग निर्माण परिवार का गठन एक पाठशालाके तरीके से हुआ है, जहाँ विद्यार्थी पढ़ाए जाते हैं और पढ़लिख कर के वे समाजके महत्त्वपूर्ण उत्तरदायित्वोंको सँभालते हैं।

 

मनुष्यके सामने असंख्य समस्याएँ हैं और उन असंख्य समस्याओंका समाधान केवल इस बात पर टिका हुआ है कि हमारी आंतरिक स्थिति सही बना दी जाए। दृष्टिकोण हमारा गलत होता है, तो हमारे क्रियाकलाप गलत होते हैं और गलत क्रियाकलापोंके परिणामस्वरूप जो प्रतिक्रियाएँ होती हैं, जो परिणाम सामने आते हैं, वे भयंकर दुःखदाई होते हैं कष्टकारक होते हैं।

 

मनुष्य के आंतरिक उत्थान, आंतरिक उत्कर्ष, आत्मिक विकासके लिए क्या करना चाहिए और कैसे करना चाहिए? इसका समाधान करने के लिए हमको 4 बातें तलाश करनी पड़ती हैं। इन्हीं 4 चीजोंके आधार पर हमारी आत्मिक उन्नति टिकी हुई है और वे चार आधार हैं - साधना, स्वाध्याय, संयम और सेवा। ये चारों ऐसे हैं जिनमें से एकको भी आत्मोत्कर्षके लिए छोड़ा नहीं जा सकता।

 

 

मन की मलिनताको धोने के लिए स्वाध्याय अति आवश्यक है। दृष्टिकोण और विचार प्रायः वही जमे रहते हैं हमारे मस्तिष्क में जो कि बहुत दिनों से पारिवारिक और अपने मित्रोंके सान्निध्य में हमने सीखे और जाने। अब हमको श्रेष्ठ विचार अपने भीतर धारण करने के लिए श्रेष्ठ पुरुषोंका सत्संग करना चाहिए ।

 (नोट : उपरोक्त टेक्स्ट मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियां संभव हैं, अतः इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये.)


डाउनलोड लिंक :

"आत्मिक उन्नति के चार चरण - श्रीराम शर्मा आचार्य" हिन्दी पुस्तक को सीधे एक क्लिक में मुफ्त डाउनलोड करने के लिए नीचे दिए गए डाउनलोड बटन पर क्लिक करें |

To download "Aatmik Unnati ke Char Charan - Shriram Sharma Acharya" Hindi book in just single click for free, simply click on the download button provided below.


Download PDF (1 MB)


If you like the book, we recommend you to buy it from the original publisher/owner.



यदि इस पुस्तक के विवरण में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से संबंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उस सम्बन्ध में हमें यहाँ सूचित कर सकते हैं