अंधेर नगरी - भारतेंदु हरिश्चंद्र हिन्दी पुस्तक | Andher Nagari - Bharatendu Harishchandra Hindi Book PDF


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अंधेर नगरी हिन्दी पुस्तक के बारे में अधिक जानकारी | More details about Andher Nagari Hindi Book



इस पुस्तक का नाम है : अंधेर नगरी | इस पुस्तक के लेखक/संपादक हैं : भारतेंदु हरिश्चंद्र | इस पुस्तक के प्रकाशक हैं : भारत ज्ञान विज्ञान समिति | इस पुस्तक की पीडीऍफ़ फाइल का कुल आकार लगभग 4 MB है | इस पुस्तक में कुल 22 पृष्ठ हैं | आगे इस पेज पर "अंधेर नगरी" पुस्तक का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इसे मुफ्त में डाउनलोड कर सकते हैं.


Name of the book is : Andher Nagari | This book is written by : Bharatendu Harishchandra | This book is published by : Bharat Gyan Vigyan Samiti | PDF file of this book is of size 4 MB approximately. This book has a total of 22 pages. Download link of the book "Andher Nagari" has been given further on this page from where you can download it for free.


पुस्तक के लेखकपुस्तक की श्रेणीपुस्तक का साइजकुल पृष्ठ
भारतेंदु हरिश्चंद्रनाटक4 MB22



पुस्तक से : 

क्यों रे भिश्ती, इतना ज्यादा पानी क्यों डाल दिया कि दीवार गिर गई और बकरी भी नीचे दब गई? महाराज, इसमें गुलामका कोई कसूर नहीं हैं। कसाई ने मसक इतना बड़ा बना दीया था कि उसमें पानी ज्यादा आ गया। अच्छा, फिर कसाई को लाओ और भिश्तीको निकालो।

 

गुरुजी महाराज, हमे कुल सात पैसे भीख में मिले थे। उसीसे मैने साढ़े तीन सेर मिठाई ली है। नारायणदास ने मुझसे यह कहा था कि यहां सब चीजें टके सेर में मिलती है, लेकिन मैंने इसकी बातका विश्वास नहीं किया। बच्चा, यह कौन-सी नगरी है और इसका राजा कौन है?

 

बच्चा, ऐसी नगरीमें हमारा रहना उचित नहीं है, जहां टके सेर भाजी और टके सेर में खाजा बिकता है। मैं तो इस नगरमें अब एक क्षण भर भी नहीं रह सकता। मेरी बात मान, नहीं तो बाद में पछताएगा। मैं तो जा रहा हूं, पर इतना कहे जाता हूं कि कभी कोई संकट पड़े तो मुझे याद जरूर करना।

 

 

फिर भी बात क्या है कि एक फकीर आदमी को सजा दे रहे हो? बात यह है कि कल कोतवाल को सजाका हुक्म हुआ था। जब सजा देने के लिए उसे ले गए तो फंदा ज्यादा बड़ा निकला, क्योंकि कोतवाल साहब दुबले हैं। फिर हम लोगों ने महाराज से अर्ज की। इसके बाद यह हुक्म हुआ कि किसी मोटे आदमीको सजा दे दी जाए, क्योंकि बकरी के मरने के अपराध में किसी को सजा होना तो जरूरी है।

 (नोट : उपरोक्त टेक्स्ट मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियां संभव हैं, अतः इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये.)


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