राजस्थान के तीर्थ हिन्दी पुस्तक | Rajasthan Ke Tirth Hindi Book PDF

  

Rajasthan-Ke-Tirth-Hindi-Book-PDF

राजस्थान के तीर्थ हिन्दी पुस्तक के बारे में अधिक जानकारी | More details about Rajasthan Ke Tirth Hindi Book



इस पुस्तक का नाम है : राजस्थान के तीर्थ | इस पुस्तक के लेखक/संपादक हैं : परमेश्वर द्विरेफ | इस पुस्तक के प्रकाशक हैं : समाचार केंद्र चिड़ावा | इस पुस्तक की पीडीऍफ़ फाइल का कुल आकार लगभग 3 MB है | इस पुस्तक में कुल 126 पृष्ठ हैं | आगे इस पेज पर "राजस्थान के तीर्थ" पुस्तक का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इसे मुफ्त में डाउनलोड कर सकते हैं.


Name of the book is : Rajasthan Ke Tirth | This book is authored by : Parmeshwar Dwiref | This book is published by : Samachar Kendra Chidawa | PDF file of this book is of size 3 MB approximately. This book has a total of 126 pages. Download link of the book "Rajasthan Ke Tirth" has been given further on this page from where you can download it for free.


पुस्तक के संपादकपुस्तक की श्रेणीपुस्तक का साइजकुल पृष्ठ
परमेश्वर द्विरेफभक्ति, धर्म3 MB126



पुस्तक से : 

तीर्थयात्रा की ललक हर हिन्दू के मन में होती है। सभी प्रकार से सुखसंपन्न होने के बावजूद भी बिना तीर्थयात्रा किए लोग अपना जीवन सफल नहीं मानते। क्यों है यह तीर्थयात्रा की ललक, क्या हैं ये तीर्थ, और क्या है इनका महत्त्व ?

 

पदार्थ चार हैं जिन्हें पुरुषार्थ चतुष्टय भी कहते हैं। ये धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष है। इनमें अर्थ तो तीर्थ यात्रा में व्यय होगा ही। बाकी तीनों धर्म, काम, मोक्ष की सिद्धि तीर्थ यात्रासे ही होती है। सामान्यतः तीर्थ का शाब्दिक अर्थ है नदी पार करने का स्थान घाट।

 

जिस प्रकार शरीर के कुछ अंग पवित्र तथा श्रेष्ठ माने जाते हैं उसी प्रकार से पृथ्वी के कुछ विशेष भाग अति महत्त्वपूर्ण माने जाते हैं। इसमें भूमि का प्रभाव एवं जल का तेज भी विशेष हेतु है। मुनि महात्माओं का परिग्रह आवास आदि भी भूमि की पवित्रता में हेतु है।

 

 

भारतीय संस्कृति एक मायने में स्नान संस्कृति है। दूसरा कोई ऐसा देश नही है जहाँ पर स्नान का इतना अधिक महत्त्व बताया गया हो। यहाँ तो जन्मते बालकको भी स्नान करवा कर पवित्र किया जाता है । कोई भी संस्कार हो स्नान के बिना पूर्ण नहीं होता। यहां तक कि अंत्येष्टि संस्कार भी स्नान से ही पूरा होता है। स्नान का जो आनन्द है जो उसकी मर्म भारतीय ऋषि ही जान पाये हैं।

 (नोट : उपरोक्त टेक्स्ट मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियां संभव हैं, अतः इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये.)


डाउनलोड लिंक :

"राजस्थान के तीर्थ" हिन्दी पुस्तक को सीधे एक क्लिक में मुफ्त डाउनलोड करने के लिए नीचे दिए गए डाउनलोड बटन पर क्लिक करें |

To download "Rajasthan Ke Tirth" Hindi book in just single click for free, simply click on the download button provided below.


Download PDF (3 MB)


If you like the book, we recommend you to buy it from the original publisher/owner.



यदि इस पुस्तक के विवरण में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से संबंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उस सम्बन्ध में हमें यहाँ सूचित कर सकते हैं