रवींद्रनाथ टैगोर की लोकप्रिय कहानियां हिन्दी पुस्तक | Ravindranath Tagore Ki Lokpriya Kahaniyan Hindi Book PDF


Ravindranath-Tagore-Ki-Lokpriya-Kahaniyan-Hindi-Book-PDF


रवींद्रनाथ टैगोर की लोकप्रिय कहानियां हिन्दी पुस्तक के बारे में अधिक जानकारी | More details about Ravindranath Tagore Ki Lokpriya Kahaniyan Hindi Book



इस पुस्तक का नाम है : रवींद्रनाथ टैगोर की लोकप्रिय कहानियां | इस पुस्तक के लेखक/संपादक हैं : मुकेश जी | इस पुस्तक के प्रकाशक हैं : प्रभात प्रकाशन, दिल्ली | इस पुस्तक की पीडीऍफ़ फाइल का कुल आकार लगभग 3 MB है | इस पुस्तक में कुल 103 पृष्ठ हैं | आगे इस पेज पर "रवींद्रनाथ टैगोर की लोकप्रिय कहानियां" पुस्तक का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इसे मुफ्त में डाउनलोड कर सकते हैं.


Name of the book is : Ravindranath Tagore Ki Lokpriya Kahaniyan | This book is written/edited by : Mukesh Ji | This book is published by : Prabhat Prakashan, Delhi | PDF file of this book is of size 3 MB approximately. This book has a total of 103 pages. Download link of the book "Ravindranath Tagore Ki Lokpriya Kahaniyan" has been given further on this page from where you can download it for free.


पुस्तक के लेखकपुस्तक की श्रेणीपुस्तक का साइजकुल पृष्ठ
मुकेश जीकहानी3 MB103



पुस्तक से : 

इसने कम समयमें ही इतनी अधिक प्रसिद्धि हासिल करने की एक वजह यह भी थी कि नरेंद्र जिस भी चित्रको बनाता, वो अपनी सारी काबिलियत उसमें लगा दिया करता था। उसकी नजर हमेशा अपने चित्र पर ही रहती थी। पैसे की ओर तो कभी उसका ध्यान जाता ही नही था।

 

उसके मन में यह विचार बार बार आने लगा कि इतने दिनों उसने केवल बच्चोंका खेल ही तो खेला है। उसने कागज का टुकड़ा लेकर उसपर रंग पोता है। उसने जो भी रेखाएँ कागज पर खींची थीं, वे उसके मन को आकर्षित न कर सकीं, क्योंकि उसके विचार पहलेकी अपेक्षा बहुत उच्च थे।

 

इसके बाद वह अपने सिर के बालों को हाथ में लेकर सोचने लगा। जैसे मनुष्य निंद्रासे चौंककर उठता है, उसी प्रकार चौंककर जल्दी-जल्दी मेज पर से कागज और रंग आदि लेकर वह कमरेसे बाहर निकल गया। शयनकक्ष के सामने एक खिड़की के करीब वह जाकर खड़ा हो गया।

 

 

मैं जानता हूँ। जो व्यक्ति अपने भाव प्रकार प्रकट करने में सफल हो जाता है, उसे जन साधारण विक्षिप्त समझते हैं। चित्रमें एक विशेष प्रकारका आकर्षण उत्पन्न करने की उसमें एक असाधारण योग्यता है। क्या तुम्हें पता है नरेंद्र ने एक बार क्या किया? मैंने देखा कि नरेंद्र के बाएँ हाथ से खूनका फव्वारा छूट रहा था और वो है कि बिना किसी दर्द के बैठा आराम से चित्र बना रहा है।

 (नोट : उपरोक्त टेक्स्ट मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियां संभव हैं, अतः इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये.)


डाउनलोड लिंक :

"रवींद्रनाथ टैगोर की लोकप्रिय कहानियां" हिन्दी पुस्तक को सीधे एक क्लिक में मुफ्त डाउनलोड करने के लिए नीचे दिए गए डाउनलोड बटन पर क्लिक करें |

To download "Ravindranath Tagore Ki Lokpriya Kahaniyan" Hindi book in just single click for free, simply click on the download button provided below.


Download PDF (3 MB)


If you like the book, we recommend you to buy it from the original publisher/owner.



यदि इस पुस्तक के विवरण में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से संबंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उस सम्बन्ध में हमें यहाँ सूचित कर सकते हैं