ऋग्वेद हिन्दी ग्रन्थ पीडीऍफ़ | Rigved Hindi Book PDF

 

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ऋग्वेद हिन्दी ग्रन्थ के बारे में अधिक जानकारी | More details about Rigved Hindi Book



इस ग्रन्थ का नाम है : ऋग्वेद | इस ग्रन्थ के संपादक हैं : डॉ गंगा सहाय शर्मा | इस पुस्तक के प्रकाशक हैं : संस्कृत साहित्य प्रकाशन | इस पुस्तक की पीडीऍफ़ फाइल का कुल आकार लगभग 12 MB है | इस पुस्तक में कुल 1853 पृष्ठ हैं | आगे इस पेज पर "ऋग्वेद" पुस्तक का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इसे मुफ्त में डाउनलोड कर सकते हैं.


Name of the book is : Rigved | Editor of this book is : Dr Ganga Sahay Sharma | This book is published by : Sanskrit Sahitya Prakashan | PDF file of this book is of size 12 MB approximately. This book has a total of 1853 pages. Download link of the book "Rigved" has been given further on this page from where you can download it for free.


पुस्तक के संपादकपुस्तक की श्रेणीपुस्तक का साइजकुल पृष्ठ
डॉ गंगा सहाय शर्माधर्म, वेद12 MB1853



पुस्तक से : 

इस ग्रंथमें ऋग्वेदकी ऋचाओं का वह अनुवाद दिया हुआ है, जो अर्थ सायणाचार्य को अभीष्ट था. इस अनुवादका आधार सायण का भाष्य है. उन्होंने जिस शब्द का जो अर्थ बताया है, वही मैंने इस अनुवाद में देने का प्रयत्न किया है.

 

सायण के अतिरिक्त ऋग्वेद पर वेंकट माधव, उद्गीथ, स्कंदस्वामी, नारायण, आनंदतीर्थ, रावण, मुद्गल, दयानंद सरस्वती आदि अनेक विद्वानोंने भाष्य लिखे हैं. इनमें किसी का भाष्य पूर्ण रूप में उपलब्ध नहीं है. केवल सायण ही ऐसे विद्वान् हैं, जिन्होंने चारों वेदों पर पूर्ण भाष्य लिखा है और वह उपलब्ध है.

 

ऋग्वेद का विभाजन 10 मंडलों में किया गया है. प्रत्येक मंडलमें बहुत से सूक्त एवं प्रत्येक सूक्त में अनेक ऋचाएं हैं. मैंने अनुवादमें केवल यही विभाजन दिया है. वैसे प्रत्येक मंडल कुछ अनुवाकों में विभक्त है. अनुवाक सूक्तोंमें बांटे गए हैं. संपूर्ण ऋग्वेदको 64 अध्यायोंमें विभक्त करके उनके आठ अष्टक बनाए गए हैं. प्रत्येक अष्टक में आठ अध्याय हैं. सायण ने ये सब विभाजन दिए हैं.

 

 

दिनभर जंगल में चरकर घरों को लौटती गाय, रस्सी से बंधे बछड़े का रंभाना, गाय का दूध दुहना, छाछ बिलोना, कच्चे मांसपर मक्खियों का बैठना, चिड़ियों का चहचहाना आदि पढ़कर ऐसा लगता है कि भारत के गांवोंमें आज भी वैदिक जीवनकी झलक मिल जाती है. नागरिकता का विस्तार एवं विज्ञानकी पहुंच उसे विकृत कर रही है.

 (नोट : उपरोक्त टेक्स्ट मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियां संभव हैं, अतः इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये.)


डाउनलोड लिंक :

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