स्वामी विवेकानन्द के जीवन की कहानियां पीडीएफ | Swami Vivekanand Ke Jeevan Ki Kahaniyan PDF

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स्वामी विवेकानन्द के जीवन की कहानियां हिन्दी पुस्तक के बारे में अधिक जानकारी | More details about Swami Vivekanand Ke Jeevan Ki Kahaniyan Hindi Book



इस पुस्तक का नाम है : स्वामी विवेकानन्द के जीवन की कहानियां | इस पुस्तक के लेखक/संपादक हैं : मुकेश जी | इस पुस्तक के प्रकाशक हैं : प्रभात प्रकाशन, दिल्ली | इस पुस्तक की पीडीऍफ़ फाइल का कुल आकार लगभग 1 MB है | इस पुस्तक में कुल 99 पृष्ठ हैं | आगे इस पेज पर "स्वामी विवेकानन्द के जीवन की कहानियां" पुस्तक का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इसे मुफ्त में डाउनलोड कर सकते हैं.


Name of the book is : Swami Vivekanand Ke Jeevan Ki Kahaniyan | This book is written by : Mukesh Ji | This book is published by : Prabhat Prakashan, Delhi | PDF file of this book is of size 1 MB approximately. This book has a total of 99 pages. Download link of the book "Swami Vivekanand Ke Jeevan Ki Kahaniyan" has been given further on this page from where you can download it for free.


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मुकेश जीप्रेरक1 MB99



पुस्तक से : 

उनके माता-पिता को जब इसका पता चला तो उन्होंने नरेंद्र को उस विद्यालयमें रखना उचित नहीं समझा। उन्होंने अपने घर पर ही पूजाघर में एक छोटीसी पाठशाला खोलकर वहाँ गुरुजी के हाथों अपने पुत्रको समर्पित कर दिया।

 

लगनशील नरेंद्र उसी दिन से ध्यानानुराग में रम गए। शारीरिक कठोरता का पालन करना उन्होंने नियम बना लिया। उन्होंने किराए पर एक कमरा ले रखा था। परिवार वाले समझते थे कि घर पर पढ़ाई में असुविधा होती होगी, इसी कारण नरेंद्र अलग कमरा लेकर रह रहा है।

 

नरेंद्र बचपन से ही घर में माने होनेवाले लोकाचार तथा देशाचार के नियमोंको नहीं मानते थे। इस कारण उन्हें माँकी बहुत डाँट खानी पड़ती थी। नरेंद्र का बाल मस्तिष्क यह समझ पाने में असमर्थ था कि आखिर भातकी थाली छूकर बदन पर हाथ लगाने से क्या होता है।

 

 

खेल-कूद और लिखने-पढ़ने के साथ ही उनके चरित्र के कई और भी आयाम इसी समय खुलने लगे। संगीत के प्रति उनमें एक जन्मजात आकर्षण था। भिखारी गायकोंका दल जब भी दरवाजे पर खड़ा होकर ढोल बजाते हुए गाना गाता, तब वे उसे ध्यानपूर्वक सुना करते। टोले मुहल्लेमें रामायण आदि का गान होने पर वे वहाँ भी उपस्थित होते। इसी समय उन्होंने पाकविद्या भी सीखी।

 (नोट : उपरोक्त टेक्स्ट मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियां संभव हैं, अतः इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये.)


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