व्यावहारिक संस्कृत प्रशिक्षक हिन्दी पुस्तक पीडीऍफ़ | Vyavaharik Sanskrit Prashikshak Hindi Book PDF


Vyavaharik-Sanskrit-Prashikshak-Hindi-Book-PDF

व्यावहारिक संस्कृत प्रशिक्षक हिन्दी पुस्तक के बारे में अधिक जानकारी | More details about Gayatri ki Prachand Praan Urja Hindi Book



इस पुस्तक का नाम है : व्यावहारिक संस्कृत प्रशिक्षक | इस पुस्तक के प्रधान लेखक/संपादक हैं : डॉ सच्चिदानन्द पाठक | इस पुस्तक के संपादक हैं : डॉ विजय कुमार कर्ण | इस पुस्तक के प्रकाशक हैं : उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थानम, लखनऊ | इस पुस्तक की पीडीऍफ़ फाइल का कुल आकार लगभग 21 MB है | इस पुस्तक में कुल 274 पृष्ठ हैं | आगे इस पेज पर "व्यावहारिक संस्कृत प्रशिक्षक" पुस्तक का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इसे मुफ्त में डाउनलोड कर सकते हैं.


Name of the book is : Vyavaharik Sanskrit Prashikshak | Chief Editor/Author of this book is : Dr Sachhidanand Pathak | Editor of this book is : Dr Vijay Kumar Karna | This book is published by : Uttar Pradesh Sanskrit Sansthanam, Lucknow | PDF file of this book is of size 21 MB approximately. This book has a total of 274 pages. Download link of the book "Vyavaharik Sanskrit Prashikshak" has been given further on this page from where you can download it for free.


पुस्तक के संपादकपुस्तक की श्रेणीपुस्तक का साइजकुल पृष्ठ
डॉ सच्चिदानन्द पाठकसाहित्य, व्याकरण 21 MB274



पुस्तक से : 

किसी भी भाषाको सीखने के प्रयोजन कई प्रकार के हो सकते हैं जैसे बातचीत, काव्य, संगीत आदिमें रसास्वाद, भाषामें निहित वाङ्मयका ज्ञानवर्धनपरक अध्ययन, लेखन या रचनाओंमें प्रयोग आदि। इसके लिये सम्बद्ध भाषामें संभाषण, अवबोधन, उच्चारण तथा लेखनादि प्रमुख अंग हैं, जो प्रयोजनकी प्राथमिकताके अनुसार महत्वपूर्ण होते हैं।

 

भाषासे जुड़े अनेक रूप जैसे बोली, जनभाषा/लोकभाषा, उपभाषा आदि इसी भाषा नैरन्तर्यकी ओर संकेत करते हैं। भाषाके फैलावमें और प्रायोगिक प्रवाहमें कोई भौगोलिक विभाजक रेखा नहीं होती है। भाषा मनुष्य जैसे उन्नत प्राणीके लिये प्रकृतिप्रदत्त वरदान है, जो उसे जन्मसे सहज रूप में प्राप्त होता है।

 

संस्कृतकी संगीतात्मकता तथा काव्यरसास्वद से परिचित होने के लिये इसके काव्य-शास्त्रके अंगभूत रस, छंद, लयसे भी परिचय कराया गया है। संस्कृत वाङ्मयका एक बहुत बड़ा परिक्षेत्र वैदिक वाङ्मय है जिसके मन्त्रोंका अनेक लोककृत्योंमें तथा पौराहित्य उपक्रमोंमें संस्कृतके साथ-साथ अभिन्न रूपमें प्रयोग होता रहता है।

 

 

संस्कृत भाषाको सीखने-समझनेके क्रम में जनसामान्यको जहां उसके बोलने के स्वरूपको तात्कालिक समझना होता है वहीं इस भाषाके साहित्य, दर्शन तथा ज्ञानके क्षेत्रमें वेद, उपनिषद, गीता एवं अन्य ग्रन्थोंको समझने की लालसा रहती है। किन्तु संस्कृत भाषाके ज्ञानके अभावमें विषय प्रवेश भी ऐसे सामान्यजन के लिए दुरूह हो जाता है।

 (नोट : उपरोक्त टेक्स्ट मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियां संभव हैं, अतः इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये.)


डाउनलोड लिंक :

"व्यावहारिक संस्कृत प्रशिक्षक" हिन्दी पुस्तक को सीधे एक क्लिक में मुफ्त डाउनलोड करने के लिए नीचे दिए गए डाउनलोड बटन पर क्लिक करें |

To download "Vyavaharik Sanskrit Prashikshak" Hindi book in just single click for free, simply click on the download button provided below.


Download PDF (21 MB)


If you like the book, we recommend you to buy it from the original publisher/owner.



यदि इस पुस्तक के विवरण में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से संबंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उस सम्बन्ध में हमें यहाँ सूचित कर सकते हैं