चाणक्य नीति दर्पण हिन्दी पुस्तक पीडीऍफ़ | Chanakya Niti Darpan Hindi Book PDF

   

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चाणक्य नीति दर्पण हिन्दी पुस्तक के बारे में अधिक जानकारी | More details about Chanakya Niti Darpan Hindi Book



इस पुस्तक का नाम है : चाणक्य नीति दर्पण | इस ग्रन्थ के मूल रचनाकार है: आचार्य चाणक्य | इस पुस्तक के संपादक/व्याख्याकार हैं : अज्ञात | इस पुस्तक के प्रकाशक हैं : अज्ञात | इस पुस्तक की पीडीऍफ़ फाइल का कुल आकार लगभग 3 MB है | इस पुस्तक में कुल 101 पृष्ठ हैं | आगे इस पेज पर "चाणक्य नीति दर्पण" पुस्तक का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इसे मुफ्त में डाउनलोड कर सकते हैं.


Name of the book is : Chanakya Niti Darpan | Original author of the book is : Acharya Chanakya | Editor/Commentator is done by : Unknown | This book is published by : Unknown | PDF file of this book is of size 3 MB approximately. This book has a total of 101 pages. Download link of the book "Chanakya Niti Darpan" has been given further on this page from where you can download it for free.


पुस्तक के लेखकपुस्तक की श्रेणीपुस्तक का साइजकुल पृष्ठ
आचार्य चाणक्यराजनीती, धर्म, नीति3 MB101



पुस्तक से : 

कुमित्र पर विश्वास तो किसी प्रकार से नहीं करना चाहिये और सुमित्र पर भी विश्वास न रक्खे इसका कारण कि, कदाचित् मित्र रुष्ट होय तो सब गुप्त बातों को प्रसिद्ध कर दे ॥

 

मनसाचिंतितंकार्यं वाचा नैवप्रकाशयेत्. मंत्रेणरक्षयेद्भूढं कार्यंचापिनियोजयेत्. टीका - मनसे सोचे हुये काम का प्रकाश वचन से न करे, किंतु मंत्रसे उसकी रक्षा करे और गुप्तही उस कार्य को काम में भी लावै ॥

 

प्रलयेभिन्न मर्यादाभवन्तिकिलसागराः ॥सागराभेदमिच्छन्तिमलयेऽपिनसाधवः ॥ टीका - समुद्र प्रलयके समय में अपनी मर्यादा को छोड़ देते हैं और सागर भेद की इच्छा भी रखते हैं. परन्तु साधुलोग प्रलय होनेपरंभी अपनी मर्यादा को नहीं छोड़ते॥

 

 

धर्मार्थकाममोक्षेषुयस्यकोऽपिनविद्यते : जन्मजन्मनिमर्त्येषु मरणंतस्य केवलम् ॥ टीका- धर्म, अर्थ काम और मोक्ष इनमें से जिसको कोई भी न भया उसको मनुष्योंमें जन्म होने का फल केवल मरणही हुआ ॥

 

कामधेनुगुणाविद्याह्यकालेफलदायिनी ॥प्रवासेमातृसदृशीविद्यागुप्तं धनं स्मृतम् ॥टीका–विद्या में कामधेनुके समान गुण है इस कारण कि अकाल में भी फल देती है. विदेश में माताके समान है विद्या को गुप्त धन कहते हैं॥ 

 (नोट : उपरोक्त टेक्स्ट मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियां संभव हैं, अतः इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये.)


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