छोटा जादूगर - जयशंकर प्रसाद हिन्दी पुस्तक | Chhota Jadugar - Jaishankar Prasad Hindi Book PDF


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छोटा जादूगर हिन्दी पुस्तक के बारे में अधिक जानकारी | More details about Chhota Jadugar Hindi Book



इस पुस्तक का नाम है : छोटा जादूगर | इस पुस्तक के लेखक/संपादक हैं : जयशंकर प्रसाद | इस पुस्तक के प्रकाशक हैं : अज्ञात | इस पुस्तक की पीडीऍफ़ फाइल का कुल आकार लगभग 0.1 MB है | इस पुस्तक में कुल 4 पृष्ठ हैं | आगे इस पेज पर "छोटा जादूगर" पुस्तक का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इसे मुफ्त में डाउनलोड कर सकते हैं.


Name of the book is : Chhota Jadugar | This book is written/edited by : Jaishankar Prasad | This book is published by : Unknown | PDF file of this book is of size 0.1 MB approximately. This book has a total of 4 pages. Download link of the book "Chhota Jadugar" has been given further on this page from where you can download it for free.


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जयशंकर प्रसादकहानी0.1 MB4



पुस्तक से : 

क्रोध वश मैं कुछ और कहने वाला था। तभी मतीजी ने कहा, दिखाई जी, तुम तो अच्छे आए। भला मेरा भी कुछ मन बहले। मैं बिल्कुल चुप हो गया, क्योंकि श्रीमतीजी की वाणीमें वह माँ सी मिठास थी। उनके सामने किसी भी लड़केको रोका नहीं जा सकता। उसने खेल शुरू कर दिया।

 

उस छोटे से जंगलमें संध्या सॉय-साँय करने लगी थी। सूर्य की अंतिम किरण वृक्षों की पत्तियों से विदाई ले रही थी। बड़ा ही शांत वातावरण था। हम लोग धीरे-धीरे मोटरसे हावड़ा की ओर आ रहे थे। तभी सचमुच वह कंबल कंधे पर डाले मिल गया। मैंने मोटर रोका। वह नमस्कार करके चला भी गया।

 

मैंने देखा कि उस धूप में सड़क किनारे एक कपड़े पर जादूगरका रंगमंच सजा था। मैं मोटर को वही रोककर उतर पड़ा। भालू बिल्ली को मनाने चला था। ब्याह की तैयारी हो रही थी। लेकिन जादूगरकी वाणी में वह प्रसन्नता की तरी नहीं थी। जब वह अन्य लोगो को हँसाने का प्रयास कर रहा था, तब वह स्वयं ही कॉप जाता था।

 

 

उसके मुँह पर तिरस्कारकी हँसी छूट पड़ी। उसने कहा, तमाशा देखने नहीं बल्कि दिखाने निकला हूँ। कुछ पैसे ले जाऊँगा, तो माँको पथ्य दूँगा। मुझे शरबत न पिलाकर यदि आपने मेरा खेल देखकर मुझे कुछ और दे दिया होता, तो मुझे कही अधिक प्रसन्नता हुई होती। चारों ओर बिजलीके लट्टू नाच रहे थे। मन अचानक व्यग्र हो उठा। फिर मैंने उससे कहा, अच्छा चलो, आज एक निशाना लगाया जाए।

 (नोट : उपरोक्त टेक्स्ट मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियां संभव हैं, अतः इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये.)


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