कुण्डली दर्पण हिन्दी पुस्तक पीडीऍफ़ | Kundali Darpan Hindi Book PDF

      


Kundali-Darpan-Hindi-Book-PDF


कुण्डली दर्पण हिन्दी पुस्तक के बारे में अधिक जानकारी | More details about Kundali Darpan Hindi Book



इस पुस्तक का नाम है : कुण्डली दर्पण | इस ग्रन्थ के लेखक/संपादक है: अनूप मिश्र | इस पुस्तक के प्रकाशक हैं : शिव साहित्य संस्थान, वाराणसी | इस पुस्तक की पीडीऍफ़ फाइल का कुल आकार लगभग 24 MB है | इस पुस्तक में कुल 132 पृष्ठ हैं | आगे इस पेज पर "कुण्डली दर्पण" पुस्तक का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इसे मुफ्त में डाउनलोड कर सकते हैं.


Name of the book is : Kundali Darpan | Author/Editor of this book is : Anup Mishra | This book is published by : Shiv Sahitya Sansthan, Varanasi | PDF file of this book is of size 24 MB approximately. This book has a total of 132 pages. Download link of the book "Kundali Darpan" has been given further on this page from where you can download it for free.


पुस्तक के संपादकपुस्तक की श्रेणीपुस्तक का साइजकुल पृष्ठ
अनूप मिश्रधर्म, ज्योतिष24 MB132



पुस्तक से : 

सूर्योदय से आरम्भ कर जन्मकाल तक जितने घण्टा-मिनट बीतें हों उस संख्या को ५ गुणा कर गुणनफल में दो से भाग दें तब जो लब्धि आवे, वही जन्म कालिक इष्टघटी होती है। यहीं इष्ट घटी सारी जन्मकुण्डली का मूल (आधार) होती है। सारा फलादेश इसी पर निर्भर रहता है.

 

जन्मसमय तक कितने घण्टा-मिनट बीते हैं इसके लिए भी सावधानता की आवश्यकता है २४ घण्टे का दिन होता है, जिसकी समाप्ति प्रचलित घटीयन्त्र (घड़ी) के द्वारा दो आवृत्तियों में होती है अर्थात् मध्यरात्रि से अग्रिम दिन-मध्य तक १२ घण्टा.

 

यदि रात्रि में जन्म हो तो जन्म होते ही आकाश में जो तारा अधिक देवीप्य मान प्रतीत हो, (आसपास के नक्षत्रों के अवस्थान का भी ध्यान रखे ताकि दूसरी रात्रि में उस तारा को पहचान सके) किसी दीवार या खम्भे पर सीधी यष्टि उस तारा को इस तरह देखे कि यष्टि के मूल में दृष्टि एवं ठीक यष्ट सामने तारा रहे, और जैसे ही उस यष्टि को नीचे कुछ आधार देकर स्थिर कर दे।

 

 

त्रिस्कन्धज्योतिः शास्त्रस्य परिणामभूतं होरातन्वं प्रसिद्धम्, यस्याधाररूपं जातकस्य जन्मपत्रमेव। सर्वतः शुद्धे एव जन्मपत्रे तत्तद्भावस्थग्रहाणां बलाबलविवेकत: सर्वं शुभाशुभफलं सम्यग् घटत ऐवत्यत्र नास्ति सन्देहावसरः। परन्तु यस्य जन्मपत्रमेवाशुद्धमज्ञदैवज्ञकृतं तदर्थं फलादेशचर्चा व्यर्थप्रायैव।

 (नोट : उपरोक्त टेक्स्ट मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियां संभव हैं, अतः इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये.)


डाउनलोड लिंक :

"कुण्डली दर्पण - अनूप मिश्रा" हिन्दी पुस्तक को सीधे एक क्लिक में मुफ्त डाउनलोड करने के लिए नीचे दिए गए डाउनलोड बटन पर क्लिक करें |

To download "Kundali Darpan - Anup Mishra" Hindi book in just single click for free, simply click on the download button provided below.


Download PDF (24 MB)


If you like the book, we recommend you to buy it from the original publisher/owner.



यदि इस पुस्तक के विवरण में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से संबंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उस सम्बन्ध में हमें यहाँ सूचित कर सकते हैं