मनोविज्ञान हिन्दी पुस्तक के बारे में अधिक जानकारी | More details about Manovigyan Hindi Book
इस पुस्तक का नाम है : मनोविज्ञान | इस ग्रन्थ के लेखक/संपादक है: निर्मला शेरजंग | इस पुस्तक के प्रकाशक हैं : सरस्वती प्रेस, बनारस | इस पुस्तक की पीडीऍफ़ फाइल का कुल आकार लगभग 30 MB है | इस पुस्तक में कुल 289 पृष्ठ हैं | आगे इस पेज पर "मनोविज्ञान" पुस्तक का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इसे मुफ्त में डाउनलोड कर सकते हैं.
Name of the book is : Manovigyan | Author/Editor of this book is : Nirmala Sherjang | This book is published by : Saraswati Press, Banaras | PDF file of this book is of size 30 MB approximately. This book has a total of 289 pages. Download link of the book "Manovigyan" has been given further on this page from where you can download it for free.
पुस्तक के संपादक | पुस्तक की श्रेणी | पुस्तक का साइज | कुल पृष्ठ |
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निर्मला शेरजंग | मनोविज्ञान, समाज | 30 MB | 289 |
पुस्तक से :
मनोविज्ञान मनुष्य की मानसिक प्रक्रियाका अध्ययन है। इस अध्ययन के लिए मानसिक प्रक्रिया को ज्ञानात्मक, भावात्मक तथा अनुभव में विभाजित किया जा सकता है।
संवेदना-प्रत्यक्षीकरण, चिन्तन, विचार तथा तर्क आदि ज्ञानात्मक अनुभव के ही विशिष्ट रूप हैं। इसी प्रकार भावना, संवेग आदि ज्ञानात्मक अनुभव के और विभिन्न नैसर्गिक या अर्जित इच्छाएँ और प्रेरणाएँ इच्छात्मक अनुभवके विभिन्न रूप हैं.
मनोविज्ञान का क्षेत्र मानसिक प्रक्रिया है शारीरिक नहीं। इस मनोविज्ञान में केवल उसी शारीरिक स्थिति का अध्ययन रहता है जो मानसिक क्रिया को प्रेरित करती है, या उससे प्रेरणा पाती है. मनोविज्ञान मनुष्य की मानसिक प्रक्रियाका अध्ययन है।
स्वाभाव की सफलता के कारण परिवेश के सम्पर्क का प्रभाव बालक पर बहुत गहरा पड़ता है। इसीलिए बालक की प्रवृत्तिके अनुकुल परिवेश होना अत्यन्त आवश्यक है। अनुकूल परिवेश अव्यक्त रूप से बालकके मानसिक विकास में सहायक होता है। उसमें अच्छी रुचियों और आदतों की नींव पड़ जाती है। परिवेश के प्रतिकूल होने पर बालक का मन कुण्ठित हो जाने की सम्भावना रहती है।
(नोट : उपरोक्त टेक्स्ट मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियां संभव हैं, अतः इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये.)
डाउनलोड लिंक :
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