मंत्रजाप महिमा एवं अनुष्ठान विधि हिन्दी पुस्तक | Mantra Jap Mahima Evam Anushthan Vidhi Hindi Book PDF


Mantra-Jap-Mahima-Evam-Anushthan-Vidhi-Hindi-Book-PDF


मंत्रजाप महिमा एवं अनुष्ठान विधि हिन्दी पुस्तक के बारे में अधिक जानकारी | More details about Mantra Jap Mahima Evam Anushthan Vidhi Hindi Book



इस पुस्तक का नाम है : मंत्रजाप महिमा एवं अनुष्ठान विधि | इस पुस्तक के लेखक/संपादक हैं : अज्ञात | इस पुस्तक के प्रकाशक हैं : श्री योग वेदान्त सेवा समिति, अहमदाबाद | इस पुस्तक की पीडीऍफ़ फाइल का कुल आकार लगभग 19 MB है | इस पुस्तक में कुल 52 पृष्ठ हैं | आगे इस पेज पर "मंत्रजाप महिमा एवं अनुष्ठान विधि" पुस्तक का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इसे मुफ्त में डाउनलोड कर सकते हैं.


Name of the book is : Mantra Jap Mahima Evam Anushthan Vidhi | This book is written/edited by : Unknown | This book is published by : Shri Yog Vedant Seva Samiti, Ahmedabad | PDF file of this book is of size 19 MB approximately. This book has a total of 52 pages. Download link of the book "Mantra Jap Mahima Evam Anushthan Vidhi" has been given further on this page from where you can download it for free.


पुस्तक के संपादकपुस्तक की श्रेणीपुस्तक का साइजकुल पृष्ठ
अज्ञातभक्ति, धर्म19 MB52



पुस्तक से : 

जब लक्ष्मणजी ने मंत्र जप कर सीताजी की कुटीर के चारों तरफ भूमि पर एक रेखा खींच दी थी तब लंकापति रावण भी उस लक्ष्मण रेखाको लाँघ नही सका। जबकि रावण मायावी विद्याओं का जानकार था, लेकिन जैसे ही वो उस रेखको लाँघने की कोशिश करता, उसके शरीरमें जलन होने लगती थी।

 

नाम संकीर्तन की ऐसी महिमा है कि उससे पाप नष्ट हो जाते हैं। फिर पाप के लिए प्रायश्चित करनेका विधान बतलाने वालोंका व्यवसाय ही खत्म हो जाता है। नाम संकीर्तन लेशमात्र भी पाप नहीं रहने देता। यम दमादि इसके सामने फीके पड़ जाते हैं, तीर्थ अपने स्थान छोड़ जाते हैं, यमलोकका रास्ता भी बंद हो जाता है।

 

हम कई वर्षों से साधु बनकर नाक रगड़ रहे हैं, फिर भी भगवानका दर्शन नहीं हो रहा। जबकि ध्रुव है नारदजी का शिष्य, नारदजी ब्रह्माजी के पुत्र है और ब्रह्माजी, विष्णुजीकी नाभि से उत्पन्न हुए हैं। इस प्रकार ध्रुव विष्णुजी के पौत्रका शिष्य हुआ। ध्रुव ने नारदजी से मंत्र पाकर उसका जप किया और भगवान प्रकट हो गये।

 

 

इस जपयोग के आध्यात्मिक तथा लौकिक पक्षका समन्वय हुए गोस्वामी जी कहते हैं कि ब्रह्माजी के बनाये हुए इस प्रपंचात्मक जगत से करते भली भाँति छूटे हुए वैराग्यवान् मुक्ति योगी पुरुष इस नाम को ही जपते हुए तत्त्वज्ञानरुप दिनमें जागते हैं और नाम तथा रुप से रहित अनुपम, अनामय ब्रह्मसुख का अनुभव करते हैं। जो परमात्मा के गूढ रहस्यको जानना चाहते हैं, वे भगवन्नाम का जप करके उसे जान लेते हैं।

 (नोट : उपरोक्त टेक्स्ट मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियां संभव हैं, अतः इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये.)


डाउनलोड लिंक :

"मंत्रजाप महिमा एवं अनुष्ठान विधि" हिन्दी पुस्तक को सीधे एक क्लिक में मुफ्त डाउनलोड करने के लिए नीचे दिए गए डाउनलोड बटन पर क्लिक करें |

To download "Mantra Jap Mahima Evam Anushthan Vidhi" Hindi book in just single click for free, simply click on the download button provided below.


Download PDF (19 MB)


If you like the book, we recommend you to buy it from the original publisher/owner.



यदि इस पुस्तक के विवरण में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से संबंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उस सम्बन्ध में हमें यहाँ सूचित कर सकते हैं।,