सुमी का पुरस्कार हिन्दी पुस्तक | Sumi Ka Puraskar Hindi Book PDF


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सुमी का पुरस्कार हिन्दी पुस्तक के बारे में अधिक जानकारी | More details about Sumi Ka Puraskar Hindi Book



इस पुस्तक का नाम है : सुमी का पुरस्कार | इस पुस्तक के लेखक/संपादक हैं : अज्ञात | इस पुस्तक के प्रकाशक हैं : अज्ञात | इस पुस्तक की पीडीऍफ़ फाइल का कुल आकार लगभग 1 MB है | इस पुस्तक में कुल 23 पृष्ठ हैं | आगे इस पेज पर "सुमी का पुरस्कार" पुस्तक का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इसे मुफ्त में डाउनलोड कर सकते हैं.


Name of the book is : Sumi Ka Puraskar | This book is written/edited by : Unknown | This book is published by : Unknown | PDF file of this book is of size 1 MB approximately. This book has a total of 23 pages. Download link of the book "Sumi Ka Puraskar" has been given further on this page from where you can download it for free.


पुस्तक के संपादकपुस्तक की श्रेणीपुस्तक का साइजकुल पृष्ठ
अज्ञातबाल साहित्य1 MB23



पुस्तक से : 

सुमी ने पहले तीन पतंगें बनाई, लेकिन उनमेंसे एक भी अच्छी नहीं निकली। फिर उसने चौथी पतंग बनाई वह बिलकुल ठीक थी। पिताजी उसे नदी के किनारे ले गये, जहां पर उन्होंने उस पतंगको उड़ाया। पहले प्रयासमें ही सुमी की वो सुनहरी पतंग ऐसे उड़ने लगी जैसे कि आसमान ही उसकी असली जगह हो।

 

एक वर्ष बीतने से कुछ वक्त पहले उसे एक पुरस्कार जीतना ही था। लेकिन वह पुरस्कार आखिर कैसे जीत सकती थी ? उसे तो अपने स्कूलका काम करने पर कापीमें एक सुनहरा सितारा तक भी नही मिला था। या तो वो कोई गलती कर देती थी या फिर पन्ने पर उसके अंगूठेसे काला धब्बा बन जाता था।

 

पुरस्कार जीतने का एक अवसर आया। सुमी कागज़ के फूल बनानेमें बड़ी माहिर थी। उसे पूरा विश्वास था कि वह अपने पिताजी की सहायतासे एक अच्छी पतंग बना लेगी। वह सबसे श्रेष्ठ पतंग बनाएगी और फिर पुरस्कार भी जीतेगी। वह जितना अधिक इस विषय पर सोचती, उसका विश्वास उतना ही मज़बूत होता गया।

 

 

जिस दिन वह अपने को अध्यापक से बड़ा समझते थे उस दिन मिस्टर मेयर कक्षा के अंदर अपना ऊँचा हैट पहन कर रखते थे। उस दिन वह बच्चोंको उनकी कापियों में सुनहरे सितारे दिया करते थे और साथ ही वो उनसे हाथ भी मिलाते थे। सुमी को, उस समय मेडल देते हुए वो प्रधान मंत्री जैसे दिखते थे। उसके मनमें बहुत इच्छा होती थी कि वह भी कुछ ऐसा काम करे कि उनसे पुरस्कार पाए और उसे भी हाथ मिलानेका मौका मिले।

 (नोट : उपरोक्त टेक्स्ट मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियां संभव हैं, अतः इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये.)


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