विदुर नीति - गीता प्रेस हिन्दी ग्रन्थ | Vidur Niti - Gita Press Hindi PDF



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विदुर नीति पुस्तक के बारे में अधिक जानकारी | More details about Vidur Niti Book



इस पुस्तक का नाम है : विदुर नीति | इस ग्रन्थ के लेखक/संपादक है: महात्मा विदुर | इस पुस्तक के प्रकाशक हैं : गीता प्रेस, गोरखपुर | इस पुस्तक की पीडीऍफ़ फाइल का कुल आकार लगभग 9 MB है | इस पुस्तक में कुल 141 पृष्ठ हैं | आगे इस पेज पर "विदुर नीति" पुस्तक का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इसे मुफ्त में डाउनलोड कर सकते हैं.


Name of the book is : Vidur Niti | Author/Editor of this book is : Mahatma Vidur | This book is published by : Gita Press, Gorakhpur | PDF file of this book is of size 9 MB approximately. This book has a total of 141 pages. Download link of the book "Vidur Niti" has been given further on this page from where you can download it for free.


पुस्तक के संपादकपुस्तक की श्रेणीपुस्तक का साइजकुल पृष्ठ
गीता प्रेस, गोरखपुरधर्म, राजनीती9 MB141



पुस्तक से : 

राजन् संसार में धनियों को प्रायः भोजन करने की शक्ति नहीं होती, किन्तु दरिद्रों के पेटमें काठ भी पच जाते हैं. दरिद्र पुरुष सदा स्वादिष्ट ही भोजन करते हैं, क्योंकि भूख उनके भोजन में स्वाद उत्पन्न कर देती है और वह (भूख) धनियों के लिये सर्वथा दुर्लभ है.

 

जो न चाहनेवालों को चाहता है और चाहने वालों को त्याग देता है तथा जो अपने से बलवान्‌के साथ बैर बाँधता है, उसे 'मूढ़ विचारका मनुष्य' कहते है।

 

जैसे भौरा फूलों की रक्षा करता हुआ ही उनके मधुका आस्वादन करता है, उसी प्रकार राजा भी प्रजाजनों को कष्ट दिये बिना ही उनसे धन (कर) ले. जैसे माली बगीचे में एक-एक फूल तोड़ता है, उसकी जड़ नहीं काटता, उसी प्रकार राजा प्रजा की रक्षापूर्वक उनसे कर ले। कोयला बनानेवाले की तरह जड़ नहीं काटनी चाहिये.

 

 

राजन्! नोरोग रहना, ऋणी न होना, परदेश में न रहना, अच्छे लोगों के साथ मेल होना, अपनी वृत्तिसे जीविका चलाना और निडर होकर रहना — ये छः मनुष्यलोकके सुख हैं।

 

विद्वान् पुरुष किसी विषय को देर तक सुनता है किंतु शीघ्र ही समझ लेता है, समझकर कर्तव्यबुद्धि से पुरुषार्थ में प्रवृत्त होता है कामना से नहीं. बिना पूछे दूसरे के विषय में व्यर्थ कोई बात नहीं कहता है. उसका यह स्वभाव पण्डितकी मुख्य पहचान है। 

 (नोट : उपरोक्त टेक्स्ट मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियां संभव हैं, अतः इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये.)


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