चम्पू रामायण हिन्दी पुस्तक | Champu Ramayan Hindi Book PDF


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चम्पू रामायण हिन्दी पुस्तक के बारे में अधिक जानकारी | More details about Champu Ramayan Hindi Book



इस पुस्तक का नाम है : चम्पू रामायण | इस पुस्तक के लेखक/संपादक हैं : आचार्य श्री रामचंद्र मिश्र | इस पुस्तक के प्रकाशक हैं : चौखम्बा विधा भवन, वराणसी | इस पुस्तक की पीडीऍफ़ फाइल का कुल आकार लगभग 237 MB है | इस पुस्तक में कुल 527 पृष्ठ हैं | आगे इस पेज पर "चम्पू रामायण" पुस्तक का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इसे मुफ्त में डाउनलोड कर सकते हैं.


Name of the book is : Champu Ramayan | This book is written/edited by : Acharya Shri Ram Chandra Mishra | This book is published by : Chaukhamba Vidya Bhavan, Varanasi | PDF file of this book is of size 237 MB approximately. This book has a total of 527 pages. Download link of the book "Champu Ramayan" has been given further on this page from where you can download it for free.


पुस्तक के संपादकपुस्तक की श्रेणीपुस्तक का साइजकुल पृष्ठ
आचार्य श्री रामचंद्र मिश्रभक्ति, धर्म237 MB527



पुस्तक से : 

चम्पूमें पद्य और गद्यकी मात्रा बराबर ही होती है, यद्यपि नाप कर नहीं देखा जाता है फिर भी इस पर दृष्टि रखनी होती है कि किसी एक पक्षका अधिक प्राबल्य तो नहीं हो रहा। सामान्यतः कथा निर्वाह के लिये गद्यका तथा किसी वर्णन के लिये पथका प्रयोग करते हैं।

 

इसके बाद चम्पूकी एकरसता वही पौराणिक कथा से असन्तुष्ट होकर दीक्षित नामक एक कवि ने 'यात्राप्रबन्ध' नामक चम्पू की रचना की। यह रचना भी १७ वीं शतीके अन्तिम भाग की ही है। इसके बादसे कवियों ने ध्यान दिया कि पौराणिक विषयों पर भी चम्पूकाव्य लिखे जाएं। 

 

काव्य बनाने से तथा काव्य जानने से यश की प्राप्ति होती है, व्यवहार का ज्ञान होता है, शिवेतर अकल्याण की क्षति विनाश होती है, तत्कालमें काव्य निर्माण कालमें और काव्य परिशीलन काल में एक विलक्षण प्रकार की अनुभूति होती है और नहीं टालने योग्य अनुरोध के रूपमें उपदेश प्राप्त होता है।

 

 

सृष्टिके आदिमें ही मानवसृष्टि इस रूपमें हुई होगी इस बात पर भी आपत्तियाँ संभव हैं, फिर भी मानवसृष्टि जब इस रूप में पहुँची तभी सृष्टिका याथार्थ्य सिद्ध हुआ। एकमात्र मानव ही ऐसा जीव है जो अपनी संवेदनाको दूसरों तक पहुँचाना चाहता है। अपनी अनुभूतियों को दूसरों तक पहुँचाकर उन्हें लाभान्वित करना चाहता है। इसी तरह के प्रयासोंमें से एक प्रयास का फल काव्य है। 

 (नोट : उपरोक्त टेक्स्ट मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियां संभव हैं, अतः इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये.)


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