महाकाली साधना - नारायण दत्त श्रीमाली हिन्दी पुस्तक | Mahakali Sadhana - Narayan Dutta Shrimali Hindi Book PDF


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महाकाली साधना हिन्दी पुस्तक के बारे में अधिक जानकारी | More details about Mahakali Sadhana Hindi Book



इस पुस्तक का नाम है : महाकाली साधना | इस पुस्तक के लेखक/संपादक हैं : डॉ. नारायण दत्त श्रीमाली | इस पुस्तक के प्रकाशक हैं : मंत्र-तंत्र-यंत्र विज्ञान, जोधपुर | इस पुस्तक की पीडीऍफ़ फाइल का कुल आकार लगभग 5 MB है | इस पुस्तक में कुल 50 पृष्ठ हैं | आगे इस पेज पर "महाकाली साधना" पुस्तक का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इसे मुफ्त में डाउनलोड कर सकते हैं.


Name of the book is : Mahakali Sadhana | This book is written/edited by : Dr Narayan Dutta Shrimali | This book is published by : Mantra-Tantra-Yantra Vigyan, Jodhpur | PDF file of this book is of size 5 MB approximately. This book has a total of 50 pages. Download link of the book "Mahakali Sadhana" has been given further on this page from where you can download it for free.


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डॉ. नारायण दत्त श्रीमालीधार्मिक5 MB50



पुस्तक से : 

महाकाली के बारे में शास्त्रों में स्पष्ट रूप से बताया गया है, कि जीवनको निरापद बनाने के लिए काली ही ऐसी शक्ति हैं, जो अपने आप जीवन को पूर्ण सुरक्षित बनाती हैं। पग-पग पर हमें बाधाओं, कष्टों और पीड़ाओं का सामना करना पड़ता है। आकस्मिक संकट से हरदम भयभीत रहना पड़ता है।

 

पोथियो में लिखी हुई बातों पर यकीन करने से साधनाओं में सफलता नहीं मिलती। किसी समय इन साधनाओं से किसीको सफलता मिली हो, परन्तु मुझे किस साधना से और किस तरकीब से सफलता मिलेगी, वह मेरे लिए ज्यादा उपयुक्त हैं। भारतवर्ष में सैकड़ों लोग हैं, जो केवल लकीर के फकीर बने हुए हैं। 

 

किसी कारणवश महाकाली साधना में न्यूनता रह जाय या अनुष्ठान में किसी प्रकारकी बाधा आ जाय, तो उसका कुछ भी विपरीत परिणाम भोगने को नहीं मिलता, अपितु जो कुछ भी आपने किया है, उसका फल तो अवश्य ही आपको मिलता है। इसलिए भी महाकाली साधना अपने आपमें आनन्दप्रद है। 

 

 

हम चाहे शैव हों, वैष्णव हों, शाक्त हों या फिर किसी भी धर्मको मानने वाले हों, किन्तु यदि हमारे जीवन में महाकाली साधना नहीं है, तो जीवन अपने-आप में अपूर्ण है। जीवनमें यदि महाकाली का स्वरूप अंकित नहीं है, तो जीवन भयग्रस्त है। यदि हमें महाकाली का मंत्र स्मरण नहीं है, तो हम हमेशा भयसे आक्रांत रहते हैं। इन सभी दृष्टियों से यह मंत्र, यह साधना अपने-आप में पूर्ण श्रेष्ठ है।

 (नोट : उपरोक्त टेक्स्ट मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियां संभव हैं, अतः इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये.)


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